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बदलें मौसम, बदलें हम / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
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09:53, 26 अप्रैल 2015
इक दूजे की आँखों से
दिल में क्या है पढ़लें हम
जो भी काम अधूरे हैं
आ मिलकर अब करलें हम
आज दुआओं से अपनी
SATISH SHUKLA
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