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09:55, 9 मई 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशान्त
|अनुवादक=
|संग्रह=आसोज मांय मेह / निशान्त
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<poem>
मणोमण पाणी
‘टॉयलेट‘ मांय गाळणियां नै
ए.सी. गाड्यां माथै चालणियां नै
जाबक ई ध्यान नीं है
कै सूकता जा रेया है
बां री मौज-मस्ती रा सरोत
अर ध्यान है भी तो
सोचै - घणांई है
आपां स्यूं पैलां
मरणिया
आं चीज्यां बिना ।
</poem>
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