514 bytes added,
23:47, 27 सितम्बर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>अक्की-बक्की करें तरक्की,
गेहूँ छोड़ के बोएँ मक्की।
मक्की लेकर भागें चक्की,
देखे बुढ़िया हक्की-बक्की
नक्की-झक्की पूरी शक्की!
</poem>