Changes

भारी बस्ता / उषा यादव

1,059 bytes added, 15:23, 2 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उषा यादव |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaalKavit...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=उषा यादव
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>माँ तेरी छोटी-सी गुड़िया,
इसको उठा-उठा हारी है,
उफ, बस्ता कितना भारी है।

कैसे करूँ किताबें कम कुछ,
सब विषयों को पढ़ना होगा,
पैंसिल बॉक्स छूट न जाए,
इसे ध्यान से धरना होगा।

अपनी सारी चीजें गिनकर
ले जाना होशियारी है।

ढेर किताबें, ढेर कापियाँ,
लंच बॉक्स भी बड़ा जरूरी,
टॉफी की रंगीन पन्नियाँ,
ले जाना भी है मजबूरी।

राधा की गुड़िया की शादी-
की करनी तैयारी है!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits