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ही-ही, हू-हू / निरंकार देव सेवक

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<poem>एक शहर है टिंबक-टू,
लोग वहाँ के हैं बुद्धू!
बिना बात के ही-ही-ही,
बिना बात के हू-हू-हू!
</poem>
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