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00:13, 6 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=चंद्रमोहन 'दिनेश'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>चूजा टूँग रहा था दाना
पीकर पानी ठंडा,
तभी पास में पड़ा दिख गया
छोटा-सा एक डंडा।
डंडा लेकर ऐंठ अकड़कर
पहुँचा भैंसे पास,
बोला, ‘भैंस मुझे दे जल्दी-
डंडा मेरे पास।’
</poem>