Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उर्मिला माधव |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=उर्मिला माधव
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>वो जो रह-रहके चोट कर जाए,
अपने अलफ़ाज़ से मुकर जाए,

आशिक़ी,इश्क एक फजीहत है,
जिसको रोना हो वो इधर जाए,

दर्द से दिल नहीं मुकाबिल हो,
खैरियत से ही अब गुज़र जाए,

मुझको हंसने को इक बहाना दे,
ज़िन्दगी जाने कब ठहर जाए,

जीस्त को जब भी ऐसी ख्वाहिश हो,
इतनी तौफीक़ दे कि मर जाए !</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits