864 bytes added,
05:03, 13 दिसम्बर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रेखा चमोली
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>एक नदी
उड़ी उड़ी उड़ी
उसके साथ उड़े
मछलियां, घोंघे, सांप, कछुए, कमल, मगरमच्छ
नदी को उड़ता देख
चिड़ियाएं चौंकी
बादल मुस्कुराए
इन्द्रधनुष ठिठका
सूरज चमका.........और तेज
नदी देर..........शाम लौटी
थकी-थकी नदी
रात भर चुपचाप बहती रही
सुबह के अखबार में
नदी के उड़ने की खबर पढ़कर
हुए सब हैरान।
</poem>