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कमाल की औरतें १२ / शैलजा पाठक

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|रचनाकार=शैलजा पाठक
|अनुवादक=
|संग्रह=मैं एक देह हूँ, फिर देहरी / शैलजा पाठक
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भारी था तुम्हारी कलाई का गोदना
चमकती मछली रेत की नदी में ƒघुल-ƒघुल मरी
गांव में जि़‹दा ज़िन्दा रही ये कहानी...।</poem>
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