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वे ही आएँ मेरे पास / प्रेमनन्दन
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06:14, 24 जून 2016
जिन्हें देखना हो संघर्ष
सुनना हो श्रमजीवी गीत
चखना हो ,
स्वाद पसीने का
माटी की गन्ध सूँघनी हो
अनिल जनविजय
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