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वे ही आएँ मेरे पास / प्रेमनन्दन
Kavita Kosh से
जिन्हें चाहिए
मीठे चुम्बन
माँसल देह के आलिंगन
तीखे और तेज़ परफ्यूम
मादक दृश्य,
पॉप संगीत...
वे न आएँ मेरे पास !
जिन्हें देखना हो संघर्ष
सुनना हो श्रमजीवी गीत
चखना हो,
स्वाद पसीने का
माटी की गन्ध सूँघनी हो
करना हो महसूस
दर्द फटी बिवाईयों के...
वे ही आएं मेरे पास !