868 bytes added,
17:44, 1 अगस्त 2016 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रॉबर्ट फ्रॉस्ट
|संग्रह=
}}{{KKAnthologyDeath}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
कुछ कहते हैं दुनिया आग में खत्म होगी,कुछ कहते हैं बर्फ में।
मैंने क्या इच्छा का स्वाद चखा है
मैं उनके साथ हूं जो आग के पक्ष में हैं।
पर अगर यह विनाश दोबारा होना हो,मैं सोचता हूं मुझे नफरत का पर्याप्त पता है
इसलिए कहता हूं कि बर्बादी के लिए
बर्फ भी पर्याप्त और भयावह होगी।
</poem>