{{KKCatKavita}}
<Poem>
धार1 धार<ref>पहाड़ी</ref> पर सूरज चढ़ने से पहले
बकरियों के खुर के निशानों में
खिलेगा ओस का फूल
पीतलिए खाँकर2 खाँकर<ref>पीतल की घण्टी</ref> की धुन में
नाचेगी गौरैया,
अपनी कंचों भरी जेबों में समय को ठूँसते हुए
पार करेंगे उम्र
बनेंगे प्रेमी/प्रेमिकाएँ दिलायेंगे दिलाएँगे उम्र भर साथ निभाने का विश्वास
एक दूसरे को
पहचानेंगे खामोशी ख़ामोशी की जुबाँ
उदासियों का मतलब
जेबों से निकालेंगे समय
इतिहास के पृष्ठों पर
1.पहाड़ी 2.पीतल की घंटी{{KKMeaning}}
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