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उल्टे सीधे गिरे पड़े हैं पेड़ / सूर्यभानु गुप्त
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16:22, 11 अक्टूबर 2016
शायरी पर सभी पड़े हैं पेड़
मौत तक
दोसती
दोस्ती
निभाते हैं
आदमी से बहुत बड़े हैं पेड़
अपना चेहरा निहार लें ऋतुएँ
आईनों की तरह जड़े हैं पेड़</poem>
Sharda suman
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