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जॉगर का सुवरन / डी. एम. मिश्र
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16:27, 3 जनवरी 2017
बेाझ धान का लेकर
वो जब
हौले-
ले
हौले
चलती है
धान की बाली-कान की बाली
दोनों सँग- सँग बजती है
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