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वो मानबहादुर होता है / डी. एम. मिश्र
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11:29, 9 जनवरी 2017
दिन हफ़्ते पखवारे बीते लेकिन क़ातिल घूम रहा था
कैसे वह पकड़ा जाता जब पुलिस का चौखट चूम रहा था
‘
‘कमलनयन‘ की अगुआई में कवि, लेखक जब आगे आये
खुलीं प्रशासन की तब आँखें तब अपराधी पकड़ में आये।
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