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यह है हमारी चौहद्दी / डी. एम. मिश्र
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10:47, 11 जनवरी 2017
ठिठुरे मवेशी
सहमा परिवार।
भाई की
पढाई
पढ़ाई
बीमार
मॉ
माँ
की दवाई जवान बहन की सगाई फटे कपडों में लुगाई। अँटकी मजूरी कर्ज में जिन्दगी
तबाही ही तबाही
बरबादी ही बरबादी
यह है हमारी चौहद्दी!
</poem>
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