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गळगचिया (13) / कन्हैया लाल सेठिया
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07:06, 17 मार्च 2017
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आँख्याँ बहरी है र कान आँधा है. आ ही भली हुई ! नहीं तो देखै जिया ही सुणलै र सुणै जिया ही देख लै क तो परळै हूँता के ताळ ळागै ?
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आशीष पुरोहित
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