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12:22, 11 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्रसिंह चारण
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-2 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
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<poem>
मैं चिड़कली
थारा आंगणा री
मा
उड़ जास्यूं
थोड़ा दिनां सूं
आ तै है
पछै’ई
क्यूं मारै थूं
म्हनै पेट में’ई।
</poem>
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