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17:00, 12 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-3 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
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<poem>
निराकार आंधी ई
दीन्हौ ओ रूप
लखीजै जकौ धोरौ।
आंधी नीं
आ आतमा है
आज अठै
कालै कठै
बसेरौ नवी काया
नवो रूप
बेसकां क्यूँ
थूं रूंखड़ा!
</poem>
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