718 bytes added,
02:41, 14 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रचना शेखावत
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-3 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
म्हैं जुवार रो पाणी
मेल‘र कनार माथै
दो-च्यार रूप री कोड़्यां
अर दो-च्यार राग रा संख
पाछी बावड़ जास्यूं
जठै सूं आईं
उण विराट रै भीतर
पण ले जास्यूं
थारै हियै रो मैल
धोय पूंछ‘र।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader