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16:24, 27 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=जितेन्द्र सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-6 / ओम पुरोहित ‘कागद’
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<poem>
थूं कैयो
थम
म्हैं थमग्यो
अबै बरसां बाद ई
उडीकूं
जे कदै भूल्या-भटक्या
टिपो इण मारग
तो हेत सूं छू भर लीज्यो
का ठोकर मार दीज्यो
म्हूंं जीवतो पाथर
मुगत होय जासूं।
</poem>
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