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09:14, 28 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|अनुवादक=
|संग्रह=भोत अंधारो है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
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<poem>
कोई कैवै
मून राखो
एक मून सो बातां रो
एक जवाब है
कोई कैवै
मून तोड़ो
मून ई कळै रो मूळ है
अब थे ई बताओ
करां काईं?
</poem>
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