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09:17, 28 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|अनुवादक=
|संग्रह=भोत अंधारो है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
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<poem>
म्हे
घालता रैया बोट
अर
बै छापता रैया नोट
म्हारै पल्लै आज
साल दर साल
बोट ई बोट
अर बांरै पल्लै
अकरा अकरा नोट!
</poem>
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