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चेहरे नहीं बदले गये तो आइने बदले गये / डी. एम. मिश्र
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06:11, 5 अगस्त 2017
ईमान का विच्छेद कर वो बोलता ई-मान अब,
शब्दों के जंगल रह गये जब मायने
बदलें
बदले
गये।
</poem>
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