Changes

हिसाब / अर्चना कुमारी

1,099 bytes added, 09:39, 27 अगस्त 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्चना कुमारी |अनुवादक= |संग्रह=प...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अर्चना कुमारी
|अनुवादक=
|संग्रह=पत्थरों के देश में देवता नहीं होते / अर्चना कुमारी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
दिल ठुनकता है
नींद से बोझल होकर
और दिमाग जागता रहता है
जाने किन किन गलियों में
दौड़ता भागता छुपता
कितने ही सवालों से
जबाबों का बीजगणित
मान लेने भर से हल नहीं होता
चर अचर संख्याओं के बीच
नहीं बनता कोई समीकरण
सांस सांस पर भारी
लम्हों का रिसाव
वक्त का खिंचाव
तमाम उम्र का हिसाब
हल होता होगा शायद
आख़िरी वक़्त में !
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits