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केकरा से करीं अरजिया होकाहे होखत बाड़ू अतना अधीर धनिया, सगरे बटमार।लड़िके बदलीं जा आपन तकदीर धनिया।
राजा के देखनींसहर कसबा भा गाँव, सिपहिया सगरे जुलुमिन के देखनींपाँव नेता केहू हरी नाहीं हमनीं के देखनीं, उपहिया के देखनीं, पीर धनिया।
पइसा प सभकर मरजिया होसगरे होता लूट-मार, नइखे कतहीं सरकारसगरे बटमार।ठाढ़ होखs पोंछ अँखिया के नीर धनिया।
देखनी कलट्टर केजेकरा दउलत बेसुमार, ओकरे सहर ह सिंगार, जजो के देखनीं राजो के देखनीं आ लाजो दीन-दुखियन के देखनींसहर, गँगा-तीर धनिया।
कमवा बा सभकर फरजिया होघिरल घाटा घनघोर, नइखे लउकत अँजोर, सगरे बटमार।अब त करे के बा, कवनो तदबीर धनिया।
देस भइल बोफर्स छोड़ सपना के तोप नियन सउदा लोकतंत्र नाद भइलबात, संविधान हउदाधरs धरती प लात, कइसे भराई करजिया हो, सगरे बटमार। छप्पर गो छूरी से गरदन रेताइल साँपन मिलि-जुलि तूरे के दूध अउर लावा दिआइल, गाई जा नयका तरजिया हो, सगरे बटमार। केकरा से करीं अरजिया हो, सगरे बटमार।बा अपने जँजीर धनिया।
'''रचनाकाल : 0722.210.19881991'''
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