'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
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{{KKRachna
|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|संग्रह=इज़्ज़तपुरम् / डी. एम. मिश्र
}}
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<poem>
सुखद
स्मृतियों के
नेाक घुसें
छाती में
तेज रक्तचाप हो
आहटों के पत्ते
यूँ पास से
स्पर्श करें
रेशे-रेशे शाख के
झकझोर उठें
व्यतीत
कटु अनुभव भी
अच्छे लगें
गहरी पौठ में
डूबी हुई
पलकें असम्भव की
प्रतीक्षा में
पूरी न बंद हों
न पूरी खुल सकें
</poem>