Changes

इज़्ज़तपुरम्-87 / डी. एम. मिश्र

714 bytes added, 12:09, 18 सितम्बर 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|संग्रह=इज़्ज़तपुरम् / डी. एम. मिश्र
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
रेलवे स्टेशन है
या गड़बड़झाला

ताड़ में चोर
गश्त पर पुलिय
सड़े हुए आटे की
गरमागरम कचौड़ियाँ

सुस्ताती गाड़ियाँ
भिखारिनें भी जु्रगाड़ में

जिनके पास
जिस्म की रंगत या
तुरुप का पत्ता
वही हर बार गिरे
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits