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11:26, 13 अक्टूबर 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=दीपिका केशरी
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<poem>
प्रेम में उसने प्रार्थनाएं की
कि उसकी स्मृति में मात्र एक पुरुष रहे
वो बस उसे चाहे,
उम्र की दराज से उङती संख्याओं ने
उसकी स्मृतियों को धो दिया
अब उसे याद है प्रेम पर उसे स्मरण नहीं
कि वो एक कौन सा पुरुष था
उसका नाम क्या था
जिसके प्रेम में उसने पहली प्रेम प्रार्थना की थी !
</poem>
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