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बाँची दिन्छु तिम्रै निम्ति / गोपाल योञ्जन
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03:22, 29 अक्टूबर 2017
सबं निभाउन सक्दिन,
संसार
क्षमा
सम्म
दिन सक्छु म
वैकुण्ठ दिन म सक्दिन,
उज्यालो देखि डर लाग्छ भने
Sirjanbindu
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