गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
जाने मन क्यूँ भाग रहा है / अनीता सिंह
1 byte added
,
06:21, 10 नवम्बर 2017
{{KKCatGeet}}
<poem>
चलो नाख़ुद को
थोड़ा
थोड़ा
आजमायें॥
बैठ कर तट पर यूँ ही गिनते रहें लहरें
Rahul Shivay
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,612
edits