Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इंदुशेखर तत्पुरुष |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=इंदुशेखर तत्पुरुष
|अनुवादक=
|संग्रह=पीठ पर आँख / इंदुशेखर तत्पुरुष
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
तुम !
इतनी ही जिद्दी
हो, तो लो, दिखाओ
पूरी करके अपनी जिद
मेरे सपनों में आना छेड़ दो।

तुम !
इतने बेशर्म हो कि,
आने के सारे रास्ते
बंद कर दिए तो भी
पलक झपकते ही
आ धमकते
पलकों के भीतर।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits