गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
सार छंद / सुनीता काम्बोज
21 bytes removed
,
06:32, 11 जनवरी 2018
{{KKCatKavita}}
<poem>
सार छंद
मेरे मोहन मेरे गिरधर , मेरे कृष्ण मुरारी
गिरवरधारी नटवर नागर ,मुरलीधर बनवारी
वीरबाला
4,949
edits