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05:58, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
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<poem>
मां-बापूजी
टाबरां नै इस्कूल में
इण सारू लगावै
कै
बै' दो आंक सीख'र
मिनख बण ज्यावै
पण इस्कूल में
टाबरां नै
कदी कूकड़ो
कदी कुरसी बणावै
अर कदी
डेडर बणा'र चलवावै
आंनै इस्कूल में
खाली उण दिन पढावै
जिण दिन
जांच करणआळा इस्कूल में आवै
बाकी दिन
गुरुजी तिनखा सारू
अर टाबर पोषाहार सारू आवै।
</poem>
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