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बग़ैर पूछे जो अपनी सफ़ाई देता है / सुरेश चन्द्र शौक़
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16:35, 11 जुलाई 2008
तज़ाद ज़ाहिरो—बातिन में उसके कुछ भी नहीं<br>
है 'शौक़' वैसा ही जैसा दिखाई देता है
.
<br><br>
इक्त्दार=सत्ता;अता=प्रदान;दस्त—ए—हिनाई=मेंहदी रचा हाथ ;खला=शून्य;खिरद=बुद्धि;तजाद=प्रतिकूलता; ज़ाहिरो—बातिन=प्रत्यक्ष रूप तथा अंत:करण
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