{{KKCatBrajBhashaRachna}}
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हमने तुमको ए दिलबर दिल कर दीवाना। अब कैसा जाना, तुमने हमको ऐसा माना॥टेक॥घाई बतलाना॥टेक॥सैरों को गैरों संग जानापहिले मन्द-मन्द मुसुक्याना, पास मेरे हरगिज़ नहिं आनाअजीब भोलापन दिखलाना, देख दूर ही से कतरानामीठी बातों में बहलाना, ए तोतेचश्मी जतलाना॥फन्द फिरेबों में फुसलाना। जहरीले नख़रें बतलानाबाकी बनक दिखाय लुभाना, प्यारी सूरत पर ललचाना, सौ-सौ फिकरे लाख बहानादमवाज़ी ही गालों में टरकानाजुल्फ़ें छितराना, गरज़ हमै हर तरह सताना॥काले नागों से डसवाना॥रोज़ नई सज धज दिखलानाएक बोल पर सौ बल खाना, चपल चखन चित चितै चुरानाएक बोसे पर लाख बहाना, भौंह कमान तान सतराना, लचक निज़ाकत से बल खाना॥नाक सकोड़ मुकड़ मुड़ जाना॥श्रीबदरी नारायन मत जानाश्री बदरीनारायन माना, हम में ये ढंग माशूकाना, सीखा दिल का खूब जलाना। पास मुहब्बत ज़रा न लानापर इतना भी हाय सताना, पहिने बेरहमी का बाना॥12॥ख़ौफे खुदा दिल में नहि ल्याना॥13॥
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