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07:44, 24 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=सावण फागण / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
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<poem>
ओ सुरंगो आभो है क
इन्दर धनुस रै
सतरंगी साटण सूं
खारे समन्द री
बादळ कोड्या सूं
बीजळयां रै
चिमकणा काचां सूं
किरणळ फुन्दां सूं
लड़ालूम
गोरबन्द!
</poem>
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