638 bytes added,
15:34, 26 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
बापड़ो काच
नीं देखा पावै कीं भी
आंधी आंख्यां नै
{{KKBR}}
सुण गंधारी!
खोल पाटी नैणां री
समै चेतावै
{{KKBR}}
पून पौंचावै
दूर-दूर फूल रो
गंध-सनेसो
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader