650 bytes added,
15:46, 26 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
धोरे पे चांद
दो रूंख गळबाथां
हां, थूं अर हूं
{{KKBR}}
हथळेवो है
सात जन्मां रो साथ
टूटै छिण में
{{KKBR}}
पीळी बाळू पे
हरी बेलां सोने में
जड़िया मूंगा
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader