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मदद का भरोसा दिला करके लूटे / डी. एम. मिश्र
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15:17, 30 दिसम्बर 2018
किसी को तनिक भी न लगती भनक है
सुना है तमंचा सटा करके लूटे
बड़ा बेरहम संगदिल है वो का़तिल
मगर प्यार से मुस्करा करके लूटे
</poem>
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