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असफल हों या सफल हों, पर आस मर न जाये
बेशक हों तृप्त किन्तु ध्यान रहे लेकिन यह प्यास मर न जाये।
लाखों हैं फूल खिलते, लाखों हैं रोज़ झरतेयह चक्र है नियति का मधुमास मर न जाये।
फ़ितरत है आदमी की छूना बुलंदियों कोइतना ख़याल रखना एहसास मर न जाये।
दुनिया का यह चलन है, दुनिया चलेगी यूँ हीधोखे हज़ार हों , पर , विश्वास मर न जाये।
क्या टूटने के डर से बनते नहीं खिलौनेहम तों मरें हमारा इतिहास मर न जाये।
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