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05:33, 23 मार्च 2019 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सुमन ढींगरा दुग्गल
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|संग्रह=
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<poem>
सुना है ज़िंदगी की इक हसीं तस्वीर है पानी
यहाँ हर तिश्नगी के ख़्वाब की ताबीर है पानी
ये पानी क्या है अर्ज़ ए मुख़्तसर में हम बताते हैं
हमारे दीदा ए नमनाक़ की तफ़्सीर है पानी
</poem>