1,472 bytes added,
13:58, 12 अप्रैल 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=उमेश कुमार राठी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGeet}}
<poem>
प्यार बना उपहार हमारा
प्राण प्रिये आभार
याद रहेगा ताजीवन अब
यह मनहर उपकार
मुख पर है मुस्कान ज़रूरी
इसके बिन पहचान अधूरी
जोड़ रखी हो इन आँखों में
लाज हया का मान मयूरी
जीवन के अनुपम वैभव पर
एकल है अधिकार
वाणी में मृदु भाष भरा है
एक अनोखा हास भरा है
दामन के इस परिसीमन में
जीवन का अहसास भरा है
प्रेम सुवासित कस्तूरी से
महक रहा संसार
बौरायी आँगन में वृंदा
रूप लगे ज्यों पूनम चंदा
चख करके मकरंद नजर से
मीत मुदित है प्रेम परिंदा
मनभावन मीठी खुशियों पर
दिल होता अभिसार
प्यार बना उपहार हमारा
प्राण प्रिये आभार
</poem>
Mover, Protect, Reupload, Uploader