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बढ़ाओ न तुम इतनी भी दूरियाँ / दरवेश भारती
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06:18, 18 अप्रैल 2019
बहुत याद आयीं तेरी चिट्ठियाँ
कभी दुख ही दुख तो कभी सुख ही सुख
डरो मत, दुखों के पहाड़ों के बाद
हैं जीवन
सुखों
की
भी
'दरवेश'
ये झलकियाँ
हैं वादियाँ
</poem>
Rahul Shivay
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