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अफ़्सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है / हबीब जालिब
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11:09, 12 अगस्त 2019
ये बात न भूलो कि हमारा भी ख़ुदा है
आज़ादी-ए-
इंसान
इनसान
के वहीं फूल खिलेंगे
जिस जा पे ज़हीर आज तिरा ख़ून गिरा है
अनिल जनविजय
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