गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बन्द / अरुण चन्द्र रॉय
4 bytes added
,
09:28, 26 सितम्बर 2019
<poem>
वे चाहते हैं
होठ
होंठ
सिले रहें
और बन्द हो जाएँ
स्वर
बनाने को मुट्ठी
जो उठे प्रतिरोध में
ठिठके रहे
क़दम
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits