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11:22, 28 नवम्बर 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= कविता भट्ट
|संग्रह=
}}
[[Category:चोका]]
<poem>
मेघ ने धरा-
धरा पर चुम्बन,
झूमे बरसे।
विरहन तरसे
'''मिलन-राग'''
गाओ प्रिय फिर से।
गूँगे का गुड़
मन कुछ यूँ हर्षे
मनुहार हो
प्रेमालाप-प्यार हो,
आशा है-अम्बर से।
<poem>