457 bytes added,
14:26, 6 मार्च 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अभिषेक कुमार अम्बर
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKataa}}
<poem>
गौर से देख ले मुझे दिलबर
फिर ये मौक़ा तुझे मिले न मिले
आज ख़ुशबू से तू चमन भर ले
फूल गुलशन में फिर खिले न खिले।
</poem>