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गौर से देख ले मुझे दिलबर / अभिषेक कुमार अम्बर

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गौर से देख ले मुझे दिलबर
फिर ये मौक़ा तुझे मिले न मिले
आज ख़ुशबू से तू चमन भर ले
फूल गुलशन में फिर खिले न खिले।